अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए
अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए
कुछ देखने के लिए या दिखाने के लिए
खुद को झुका दिया हमने बाबा के दरबार में
दो हाथ आगे आ गए मुझको उठाने के लिए
– हरवंश हृदय, बांदा
अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए
कुछ देखने के लिए या दिखाने के लिए
खुद को झुका दिया हमने बाबा के दरबार में
दो हाथ आगे आ गए मुझको उठाने के लिए
– हरवंश हृदय, बांदा