Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2023 · 1 min read

अब मेरे गाॅंव में

अमीरों का शासन है अब मेरे गाॅंव में
लगते यहाॅं मेले अब वर्दी की छाॅंव में

कभी स्याह रात कभी धूप निकल आती है
कभी रौद्र गर्जन सुन छाती फट जाती है
कलेजा लग जाता है कभी कभी दाॅंव में
लगते यहाॅं मेले अब वर्दी की छाॅंव में

चरवाहे पोखर में नहाने न जाते हैं
पोखर में मगरमच्छ मौज अब मनाते हैं
लंगर भी पड़े हैं अब लंगड़ के पाॅंव में
लगते यहाॅं मेले अब वर्दी की छाॅंव में

होली दीवाली ईद बकरीद सूनी है
बैसाखी क्रिसमस की खुशी हुई खूनी है
भेड़ियाधसान गाॅंव कूद रहा खाॅंव में
लगते यहाॅं मेले अब वर्दी की छाॅंव में

देवदूत आते, वरदान साथ लाते हैं
वर फलित होने की अवधि बता जाते हैं
बायस जन पाते मोद नित्य काॅंव-काॅंव में
लगते यहाॅं मेले अब वर्दी की छाॅंव में

— महेशचन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
Tag: गीत
265 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महेश चन्द्र त्रिपाठी
View all
You may also like:
You are the sanctuary of my soul.
You are the sanctuary of my soul.
Manisha Manjari
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
Rajesh
Education
Education
Mangilal 713
जंगल ये जंगल
जंगल ये जंगल
Dr. Mulla Adam Ali
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
'अशांत' शेखर
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
Ranjeet kumar patre
🌷मनोरथ🌷
🌷मनोरथ🌷
पंकज कुमार कर्ण
गुरु
गुरु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
तो शीला प्यार का मिल जाता
तो शीला प्यार का मिल जाता
Basant Bhagawan Roy
गुज़िश्ता साल -नज़्म
गुज़िश्ता साल -नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
हरे! उन्मादिनी कोई हृदय में तान भर देना।
हरे! उन्मादिनी कोई हृदय में तान भर देना।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इश्क़ मत करना ...
इश्क़ मत करना ...
SURYA PRAKASH SHARMA
"" *हे अनंत रूप श्रीकृष्ण* ""
सुनीलानंद महंत
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
मन को कर देता हूँ मौसमो के साथ
मन को कर देता हूँ मौसमो के साथ
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
वार
वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बोला कौवा क्या करूॅं ,मोटी है आवाज( कुंडलिया)
बोला कौवा क्या करूॅं ,मोटी है आवाज( कुंडलिया)
Ravi Prakash
"पानी"
Dr. Kishan tandon kranti
फेसबूक में  लेख ,कविता ,कहानियाँ और संस्मरण संक्षिप्त ,सरल औ
फेसबूक में लेख ,कविता ,कहानियाँ और संस्मरण संक्षिप्त ,सरल औ
DrLakshman Jha Parimal
प्यार के पंछी
प्यार के पंछी
Neeraj Agarwal
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
Pratibha Pandey
#शर्माजीकेशब्द
#शर्माजीकेशब्द
pravin sharma
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
प्रेमदास वसु सुरेखा
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
शिव स्तुति
शिव स्तुति
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
2489.पूर्णिका
2489.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
Sanjay ' शून्य'
लालच
लालच
Vandna thakur
Loading...