अब भी है***
एक नए सितम का इंतज़ार अब भी है
जिस्म में देख मेरे, जान अब भी है
दफना दिया यूं तो तमाम यादों को तेरी
पर रूह पर, जख्म का निशान अब भी है
मत समझ की मुझमें कुछ नहीं बाकी
मेरे चेहरे पर देख, मुस्कान अब भी है
तेरा गम तो कब का भुला दिया मैंने
खुशियों से मेरी पहचान अब भी है
इन गलियों से तेरा अब कोई सरोकार नहीं
तू आए तो दम निकले ये अरमान अब भी है