Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2024 · 1 min read

अब न रूप न रंग

अब न रूप
रहा न रंग
धन न दौलत
रिश्ते न नाते
प्यार न यार
शोहरत न नाम
कितना बदल
गया हूँ न मैं…

खूँटी पर टँगे कपड़े
कब से नहीं बदले
पूछती है वो अक्सर
कब बदलोगे…
मेरा जिस्म इनको
अब ढो नहीं पता
टूट जाता है…

न टाई न बेल्ट
न जूते न मौजे
न इत्र न गुलाब
तुम कैसे हो
गये आफ़ताब।।

सूरज से भिड़ने को
दिल नहीं करता
रात आती है, और
चली जाती है..
देखता हूँ गगन तो
लगता है जैसे, वहाँ भी
बेवजह इतना मेला है

सूरज भी अकेला
चाँद भी अकेला है
दोनों का एक ही कर्म है
उसका तपना
उसका जगना

परवाह किसे है…?
जिनके लिये तपता है
कोई देखता नहीं
जिनके लिये जगता है
कोई जगता नहीं।।

वहाँ भी दुनिया चल
रही है
यहाँ भी दुनिया चल
रही है।।

कौन बताये इस खूँटी को
कितना बदल गया हूँ मैं..!!

हाहा…
मैं कपड़े नहीं बदल रहा
एक जगह टंगा हूँ…!!

सूर्यकान्त

Language: Hindi
66 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Suryakant Dwivedi
View all
You may also like:
56…Rajaz musaddas matvii
56…Rajaz musaddas matvii
sushil yadav
पश्चिम का सूरज
पश्चिम का सूरज
डॉ० रोहित कौशिक
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Satya Prakash Sharma
अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
शेखर सिंह
3226.*पूर्णिका*
3226.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
व्यक्ति की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति यही होनी चाहिए कि वह खुद
व्यक्ति की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति यही होनी चाहिए कि वह खुद
Rj Anand Prajapati
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
Phool gufran
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पूर्वार्थ
फूल ही फूल संग
फूल ही फूल संग
Neeraj Agarwal
प्यार अक्सर झूठा ही होता है,
प्यार अक्सर झूठा ही होता है,
Ajit Kumar "Karn"
दोस्ती का रिश्ता
दोस्ती का रिश्ता
विजय कुमार अग्रवाल
*तारे (बाल कविता)*
*तारे (बाल कविता)*
Ravi Prakash
* खूब कीजिए प्यार *
* खूब कीजिए प्यार *
surenderpal vaidya
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुझे चाहिए एक दिल
मुझे चाहिए एक दिल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुनो !!!!
सुनो !!!!
shabina. Naaz
तेरे ख़्याल में हूं
तेरे ख़्याल में हूं
Dr fauzia Naseem shad
आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं।
आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं।
Manisha Manjari
मेहनत कर तू फल होगा
मेहनत कर तू फल होगा
Anamika Tiwari 'annpurna '
पुरखों के गांव
पुरखों के गांव
Mohan Pandey
जीवन में कुछ बचे या न बचे
जीवन में कुछ बचे या न बचे
PRADYUMNA AROTHIYA
दूरी इतनी है दरमियां कि नजर नहीं आती
दूरी इतनी है दरमियां कि नजर नहीं आती
हरवंश हृदय
दिवाली के दिन सुरन की सब्जी खाना क्यों अनिवार्य है? मेरे दाद
दिवाली के दिन सुरन की सब्जी खाना क्यों अनिवार्य है? मेरे दाद
Rituraj shivem verma
"क्रन्दन"
Dr. Kishan tandon kranti
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
Sumita Mundhra
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैने देखा नहीं है कोई चाँद
मैने देखा नहीं है कोई चाँद
VINOD CHAUHAN
"कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा" से भी बड़ा सवाल-
*प्रणय*
हमें सलीका न आया।
हमें सलीका न आया।
Taj Mohammad
Loading...