अब थोड़ा हिसाब चेंज है,अब इमोशनल साइड वाला कोई हिसाब नही है
अब थोड़ा हिसाब चेंज है,अब इमोशनल साइड वाला कोई हिसाब नही है। जो जैसा व्यवहार, रिश्ता, संवाद रखेगा
उसके साथ मेरा हिसाब भी वैसा रहेगा,अब यही कायदा है।
अपनापन देखकर, इमोशन रखकर कोन सा लोगो
ने सम्मान, वक्त, साथ दिया है। तब भी लोगो ने अपनी प्राथमिकता से रिश्ते निभाए है।
जब नियत प्राथनिकता वाली है अब प्राथमिकता के हिसाब से रहेंगे। सही है। फालतू के जस्बात क्यों बिठाओ लोगो से । और ये सब तरह के रिश्ते व्यवहार पर है फिर प्रेम का दोस्ती का करीब का दूर का जहा कही का और कैसा भी रिश्ता हो।
जीवन में जायदा बुद्धिमान लोगो की संज्ञा और संगत मिल गई तो लगा बुद्धिमान होना बेहतर है पर नही समझदार होना ज्यादा बेहतर है।
बुद्धि स्वार्थ जोड़ देती है इंसान में , स्वार्थ नुकसान करेगा आज नही तो कल
पर विवेक सब्र और शांति जोड़ता है आज भी मदद करेगा और कल भी।