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9 Dec 2022 · 1 min read

अब तो डर लगने लगा है हमे

अब तो डर लगने लगा है हमे,
भोर के इन उजालों से।
कहीं सूरज भी फब्तियाँ न कसे,
मेरे ऐसे हालातों पर।।

अब मुझे सुकून है बहुत,
घने इन अंधेरों में।
क्योंकि एक ‘रात’ ही है अपनी,
जिसने मेरा दर्द छिपाया आँचल में।।

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 2 Comments · 168 Views

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