अब तो खूद से कह लेते है।
दिल की बातें दिल से कह लूँ
अपनो से कहना मना है
किससे कहूँ कौन सुनेगा
सब की अपनी दुनियाँ है
कहने को तो रिश्ते है नाते
सुनने वाला कौन है
ना कोई जान है ना कोई मेरी पहचान है
तन्हा तन्हा जी लेते है तन्हाई से पहचान है
दिल करता है तब दो शब्द लिख लेते है
किसी को पसंद आयें या ना आयें खुद से कह लेते है।