अब तुम नहीं हो ,पर याद आती है
अब तुम नहीं हो , पर याद आती है।
जब भी रिमझिम फुहार होती है ।
जब भी कोयल पेड़ से गाती है ।
जब हवा मदहोश लहरें लाती है।
तुम्हारी याद आती है ।
मेरी आंखों से कुछ बूंद गिर जाती है।
अब तुम नहीं हो, पर याद आती है।।
कभी होठों की प्यास आती है ।
कभी जुल्फों की महक भाती है ।
कभी नैनो की भूख ना जाती है ।
तू इस कदर जहन में सताती है।
तेरी बातें तेरे अक्स को लाती है ।
अब तुम नहीं है, पर याद आती है ।
टूटे दिल में तस्वीर सजाती है ।
मुस्कुराता देख किसी को ,तेरी हंसी नजर आती है ।
सीने में धड़कन लाती है ।
सोच में करवट कराती है ।
स्वाद में नया तेवर मिलाती है ।
अब तुम नहीं हो, पर याद आती है।।
मेरे ख्यालों में रंग भर जाती है।
हर जगह निगाहें तेरे लिए भगाती है।
तेरे नाम में से जज्बात बढ़ाती है ।
खोई हुई जिंदगी को सुलाती है ।
दिल के शोलों को आग बनाती है ।
अब तुम नहीं हो, पर याद आती है ।।
हर्ष मालवीय
बीकॉम कंप्यूटर तृतीय वर्ष
हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय भोपाल