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10 Feb 2018 · 1 min read

अब औऱ क्या क्या करवाओगे अध्यापको से

?अब और क्या क्या करवाओगे अध्यापको से?

सरकार कहती है हमे शून्य से नवाचार करो,,,,
भ्ररष्टाचारियो को नही कहती की भृष्टाचार कम करो।

वेतनमान विसंगतियों के लिए हम दिनरात है लड़े
उनके घरों में लाखो करोड़ो रुपये तिजोरी में पड़े

हम किताबो से जुझते आँखे फोड़ते है।।
और वो देखो शराब में झूमते महफ़िलो में मिलते हैं

हम कहते है जब उनसे शिक्षा विभाग दो।
तो वो कहते है अभी वक्त तो आने दो ।

परीक्षा मे हड़ताल करते तो सस्पेंड की धमकी लगाते है।
हम कहने सुनाने जाएँ तो जनाब आंखों में चश्मा और होंठो पर ताला लगाते हैं ।

बद से बत्तर हालात अध्यापको के हो गये है,,,
अब हर नये प्रयोग करने के लिए अध्यापक को ही मोहर बना लिये है।

गायत्री सोनु जैन**

Language: Hindi
366 Views
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