अब और नही (नियोजित शिक्षक)
बहुत कहा बहुत सुना
बहुत हुई मनमानी,
न्यायालय ने भी लिख दिया
अपनी गजब कहानी ,
अब और नहीं चाहिए सरकार की रजामंदी
बस सिर्फ़ और सिर्फ17 से सम्पूर्ण तालाबंदी ।
जब शासक कर दे सांस लेना मुश्किल
उखाड़ देना चाहिए उसके लम्बे कील ,
सरकार की आदत अब न सुधरेगी
हालत शिक्षकों की और बिगड़ेगी ,
टूटे से जुटे सही ,फूटे से भाग्य बिगड़ जाय
इसलिए मिलकर करें पाबंदी
बस सिर्फ़ 17 से.तालाबंदी ।
हक हमारा दूर हुआ क्यों
शासक इतना क्रूर हुआ क्यों,
अब हमनें ठाना है
सब को एक हो जाना है
बाज न आये अपनी आदत से
सरकार की नीति गन्दी
बस सिर्फ़ 17 से .तालाबंदी ।
अब और सहा न जाएगा
शिक्षक भूखे मर जायेगा,
आर-पार की होगी लड़ाई
अब हमनें क़सम है खाई,
चाहे हो तंगी , चाहे हो मंदी
अब और नही सिर्फ ..17 से….सम्पूर्ण तालाबंदी
अस्त्र उठाओ ,शस्त्र उठाओ (हिंसा नही)
चुनौती दो सरकार को,
बार-बार न समय मिलेगा
तोड़ दो अहंकार को ,
कागज क़लम छोड़कर स्कूल में तालाबंदी
अब 17 से सम्पूर्ण तालाबंदी ,सम्पूर्ण तालाबंदी ।
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17 से तालाबंदी में मेरा भी सहयोग
साहिल सर