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28 Jul 2022 · 1 min read

अबोल के बोल

अबोल के बोल
*****
माँ के गर्भ में पल रही बच्ची ने
अपने बाप से अनुरोध किया,
पापा मुझे दुनिया में मत आने दो,
गर्भ में ही मेरी समाधि बनवा दो
मेरे मन के सारे डर मिटा दो।
जन्म लेकर भी क्या करुंगी
पहले तो आप और आपके परिवार पर
अतिशय बोझ ही बनूँगी,
फिर परवरिश, पढ़ाई, विवाह के खर्चों का
आखिर भार भी बनूंगी।
इतना तक ही हो तो और बात है,
मेरी सुरक्षा सुनिश्चित रहे
यह सोच आपकी नींद हरुँगी
फिर भी कब तक सुरक्षित रह सकूंगी
यह डर आपके दिल में करती रहूँगी।
माँ की गोद से चिता तक
क्या मैं कलंक से बची रह सकूंगी?
इतने डर के बीच क्या मैं
अपना जीवन स्वतंत्रता से जी सकूंगी?
अपने अस्तित्व का अहसास
क्या महसूस कर सकूंगी?
बेटी बाद में, पहले इंसान हूँ
ये दुनियां को समझा सकूंगी?
जब ऐसा होगा ही नहीं तब
मेरे जन्म लेने का मतलब क्या है?
महज गर्म गोस्त बनकर जीने से तो
माँ के गर्भ में ही मरना अच्छा है,
साथ ही ये धरती बेटी विहीन ही रहे
मेरी एक मात्र ये ही इच्छा है।
बेटियां गर्भ में ही मरती या मारी जाती रहें
ऐसा सोचने की वजह भी क्या कम है,
आज के समाज को देखकर लगता है
ऐसा ही हो जाए तो अच्छा है,
काश!सृष्टि का चक्र ही ठहर जाये
तो सच मानिए!
बेटियों के लिए सबसे अच्छा है।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
८११५२८५९२१
© मौलिक, स्वरचित

Language: Hindi
1 Like · 106 Views
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