Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2020 · 1 min read

अपर्ण आराधना

अपर्ण आराधना चाहिए , मात की वंदना चाहिये
जन मन में हो संचरित शक्ति , ऐसी कामना चाहिये

भय मुक्त हो जाये नारी , हर ओर रहे विचरती
किसान खुदकशी न करें कभी , हरी भरी हो सब धरती

सभी को मिले सिर ऊपर छत , सभी को मिले नित वस्त्र
सुरक्षा का भूगोल तय हो , न चाहिये कोई अस्त्र

इस नवरात्र पर सदा सबकी , यही उपासना चाहिए
अपर्णा आराधना चाहिए , मात की वंदना चाहिये

अहंकार , लालच , क्रोध भावों , नर की पशुवृत्ति नाश हो
उदात्त , परम रचनात्मक शक्ति , जन आधि भौतिक समृद्धि हो

कोई बाले छली न जाये , शक्ति पर शक्ति चाहिये
राजतंत्र से हो नहीं पनाह , दरिन्दे बचना न चाहिये

इस नवरात्र पर बने सबकी , यह तो कामना चाहिये
अपर्णा आराधना चाहिए , मात की वंदना चाहिये

मेरे देश की श्रम शक्ति जो , भटकती न हो इधर उधर
हर श्रमिक के घर जले चूल्हे , जिन्दगी न किसी की भंवर

प्रजा का ध्यान हर पल नृप को , तो बने रहना चाहिये
भूख मिटे कैसे उनकी , यह भी भान होना चाहिये

इस नवरात्र पर हम सभी की , होनी भावना चाहिये
अपर्णा आराधना चाहिए , मात की वंदना चाहिये

Language: Hindi
74 Likes · 481 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
Still I Rise!
Still I Rise!
R. H. SRIDEVI
" फोबिया "
Dr. Kishan tandon kranti
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
Taj Mohammad
*घने मेघों से दिन को रात, करने आ गया सावन (मुक्तक)*
*घने मेघों से दिन को रात, करने आ गया सावन (मुक्तक)*
Ravi Prakash
आईना बोला मुझसे
आईना बोला मुझसे
Kanchan Advaita
रंग बिरंगे फूलों से ज़िंदगी सजाई गई है,
रंग बिरंगे फूलों से ज़िंदगी सजाई गई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
Jogendar singh
यायावर
यायावर
Satish Srijan
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं आत्मनिर्भर बनना चाहती हूं
मैं आत्मनिर्भर बनना चाहती हूं
Neeraj Agarwal
सपने
सपने
surenderpal vaidya
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
Neelofar Khan
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
राम जपन क्यों छोड़ दिया
राम जपन क्यों छोड़ दिया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
स्वयं पर नियंत्रण रखना
स्वयं पर नियंत्रण रखना
Sonam Puneet Dubey
शब्द✍️ नहीं हैं अनकहे😷
शब्द✍️ नहीं हैं अनकहे😷
डॉ० रोहित कौशिक
तलाश
तलाश
Vandna Thakur
পৃথিবী
পৃথিবী
Otteri Selvakumar
नौकरी
नौकरी
Rajendra Kushwaha
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
यूपीएससी या एमपीपीएससी के युद्धक्षेत्र में, आप अर्जुन हैं, ज
यूपीएससी या एमपीपीएससी के युद्धक्षेत्र में, आप अर्जुन हैं, ज
पूर्वार्थ
हिम्मत कभी न हारिए
हिम्मत कभी न हारिए
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
3292.*पूर्णिका*
3292.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भारत देश
भारत देश
लक्ष्मी सिंह
🙅आज का मत🙅
🙅आज का मत🙅
*प्रणय*
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
manjula chauhan
ഹൃദയശൂന്യ
ഹൃദയശൂന്യ
Heera S
म्हारो गांव अर देस
म्हारो गांव अर देस
लक्की सिंह चौहान
जहाँ खुदा है
जहाँ खुदा है
शेखर सिंह
Loading...