अपनों ने छोड़ा दामन गेरो ने मार डाला।।
मुझे तेरी चाहतों ने जी करके मार डाला।
अपनों ने छोड़ा दामन गेरो ने मार डाला।।
तेरी चाहतों का दरिया गम से भरा समंदर
मुझको किया भिखारी जीते जी मार डाला
तू था बड़ा पुजारी क्यों बन गया शिकारी
तूने यूं जख्म देकर क्यों उनमें खार डाला
तुझको शर्म ना अाई क्यों तूने की बेवफ़ाई
“कृष्णा” तुझे रुलाकर गेरो सा मार डाला