अपनों के हाथों मिली हुई है जब भी हार
होते हैं कुछ खेल भी, …मजेदार हर बार ।
अपनों के हाथों अगर मिले हमेशा हार ।।
बना नही मैं स्वार्थी ,हुआ नहीं मगरूर l
करें न मेरी कद्र जो, हुआ उन्ही से दूर ll
रमेश शर्मा
होते हैं कुछ खेल भी, …मजेदार हर बार ।
अपनों के हाथों अगर मिले हमेशा हार ।।
बना नही मैं स्वार्थी ,हुआ नहीं मगरूर l
करें न मेरी कद्र जो, हुआ उन्ही से दूर ll
रमेश शर्मा