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1 Dec 2022 · 1 min read

अपनों के हाथों मिली हुई है जब भी हार

होते हैं कुछ खेल भी, …मजेदार हर बार ।
अपनों के हाथों अगर मिले हमेशा हार ।।

बना नही मैं स्वार्थी ,हुआ नहीं मगरूर l
करें न मेरी कद्र जो, हुआ उन्ही से दूर ll
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 126 Views

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