अपने
****** अपने ******
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सच हो जाएंगे सुपने
सभी होंगे साथ अपने
ख्वाब हो जाएंगे हसीं
ख्वाबों में आएंगे अपने
मुखर होंगी मुस्कराहटें
छोड़ देंगे निज डसने
प्रेम की बरसेंगी फुहारें
भीग जाएंगे तब अपने
चेहरे हो जाएंगे रोशन
दर्शन दिखाएंगे अपने
दूर हों जाएं मनमुटाव
गले मिलेंगे जब अपने
मनसीरत करे प्रयास
आसपास होंगे अपने
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)