अपने साथ छलावा कैसे करोगी
सारा प्यार तुम्हारी आँखों में ही उतर आया तो इज़हार कैसे करोगी डरोगी मुझसे और मेरे ख्यालों से रात-रातभर तो प्यार कैसे करोगी
मैंने जमी -आसमां एक कर दिया तुम्हारे वास्ते अब रास्ते बदलोगी चाहत तुम्हारी मेरे साथ छलावा है,अपने साथ छलावा कैसे करोगी ।। मधुप बैरागी