Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2021 · 1 min read

अपने पराये होते हैं

अपने पराये होते हैं पर
कितने पराये
उसकी कोई सीमा निर्धारित
होनी चाहिए
एक बेटा अपनी देवी जैसी शरीफ
मां की शक्ल भी
देखना न चाहे तो
यह तो भगवान की
तौहीन हो गई
या उससे भी बढ़कर
एक घिनौना अपराध
शायद माफी के लायक भी
नहीं
भगवान द्वारा भी नहीं और
भुक्तभोगी किसी इंसान के द्वारा
भी नहीं और
अपने बच्चे के लिए
सदैव धड़कते
उसकी मां के दिल द्वारा भी
नहीं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
कालू भैया पेल रहे हैं, वाट्स एप पर ज्ञान
कालू भैया पेल रहे हैं, वाट्स एप पर ज्ञान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2879.*पूर्णिका*
2879.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेटी हूँ माँ तेरी
बेटी हूँ माँ तेरी
Deepesh purohit
बैठा हूँ उस राह पर जो मेरी मंजिल नहीं
बैठा हूँ उस राह पर जो मेरी मंजिल नहीं
Pushpraj Anant
पहला प्यार नहीं बदला...!!
पहला प्यार नहीं बदला...!!
Ravi Betulwala
कोरे कागज़ पर
कोरे कागज़ पर
हिमांशु Kulshrestha
#दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे
#दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मैं आदमी असरदार हूं - हरवंश हृदय
मैं आदमी असरदार हूं - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
Ajay Kumar Vimal
"शतरंज के मोहरे"
Dr. Kishan tandon kranti
जो होता है आज ही होता है
जो होता है आज ही होता है
लक्ष्मी सिंह
*बस यह समझो बॅंधा कमर पर, सबके टाइम-बम है (हिंदी गजल)*
*बस यह समझो बॅंधा कमर पर, सबके टाइम-बम है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
■ नेशनल ओलंपियाड
■ नेशनल ओलंपियाड
*Author प्रणय प्रभात*
inner voice!
inner voice!
कविता झा ‘गीत’
मउगी चला देले कुछउ उठा के
मउगी चला देले कुछउ उठा के
आकाश महेशपुरी
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
Satish Srijan
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
Neelam Sharma
तुम हज़ार बातें कह लो, मैं बुरा न मानूंगा,
तुम हज़ार बातें कह लो, मैं बुरा न मानूंगा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
रामलला ! अभिनंदन है
रामलला ! अभिनंदन है
Ghanshyam Poddar
हरिगीतिका छंद
हरिगीतिका छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
चाँद कुछ इस तरह से पास आया…
चाँद कुछ इस तरह से पास आया…
Anand Kumar
* खिल उठती चंपा *
* खिल उठती चंपा *
surenderpal vaidya
कविता
कविता
Shiva Awasthi
आज का इंसान ज्ञान से शिक्षित से पर व्यवहार और सामजिक साक्षरत
आज का इंसान ज्ञान से शिक्षित से पर व्यवहार और सामजिक साक्षरत
पूर्वार्थ
चुप रहो
चुप रहो
Sûrëkhâ
देवतुल्य है भाई मेरा
देवतुल्य है भाई मेरा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🚩 वैराग्य
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Stay grounded
Stay grounded
Bidyadhar Mantry
दुआएं
दुआएं
Santosh Shrivastava
आंगन को तरसता एक घर ....
आंगन को तरसता एक घर ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...