अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
मुस्कुराहट को अपनी होठों पर ही छिपा कर रखो
गर है मोहब्बत किसी से तो करो पर सबसे बचा कर रखो
ये दुनिया है जनाब दस्तूर है यहाँ
तुम्हारी हसरत को बुरा बता देंगे
मुस्कुराहट को तुम्हारी बेरुखी बता देंगे
और गर जान गये ये मोहब्बत को तुम्हारी तो
तो ये कम्बखत उसे नजर लगा देंगे||