“अपनी शक्तियों का संचय जीवन निर्माण की सही दिशा में और स्वतं
“अपनी शक्तियों का संचय जीवन निर्माण की सही दिशा में और स्वतंत्रतापूर्वक सम्मान से जीवन जीने में करना चाहिए न कि पराधीन होकर निज शक्तियों व एकीकृत ऊर्जा को खोने में ।”
© डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन