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5 Nov 2017 · 1 min read

अपनी राह

पता नहीँ ये पल
रहे ना रहे कल।
कोइ साथ दे या ना दे
पर तु अपनी राह पर चल॥
जैसे खुदा के दर से ,
बदां आता खाली हाथ है।
और जाते वक्त भी उसके,
जाता ना कोई साथ है॥
तेरी हर कठिनाई का
यही है एक हल।
पानी है तुझको मंजिल तो
अपनी राह पर तु अकेला ही चल॥

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