अपनी नजरों से आज़ाद कर मुझे
अपनी नजरों से आज़ाद कर मुझे
अब ना और बर्बाद कर मुझे
तू मशहूर है दुनिया बनाने के लिए
तो फिर अब आबाद कर मुझे
मैं ताराज हूं तेरे ख्यालों में
आ फिर से नाराज़ कर मुझे
आजकल दिल मेरा बहुत खुशमिजाज है
तुझसे इल्तज़ा है नासाज कर मुझे
मैं ने एकतरफा निभाई है रश्म मोहब्बत कि
अब तनहा इस रिश्ते से आज़ाद कर मुझे