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16 Jul 2024 · 1 min read

अपनी नजरों से आज़ाद कर मुझे

अपनी नजरों से आज़ाद कर मुझे
अब ना और बर्बाद कर मुझे

तू मशहूर है दुनिया बनाने के लिए
तो फिर अब आबाद कर मुझे

मैं ताराज हूं तेरे ख्यालों में
आ फिर से नाराज़ कर मुझे

आजकल दिल मेरा बहुत खुशमिजाज है
तुझसे इल्तज़ा है नासाज कर मुझे

मैं ने एकतरफा निभाई है रश्म मोहब्बत कि
अब तनहा इस रिश्ते से आज़ाद कर मुझे

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