Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

अपनी चाह में सब जन ने

अपनी चाह में सब जन ने,
राह बनायी स्वार्थ भाव से,
भूल गये किस पर है निर्भर,
उस प्रकृति को भी हानि पहुँचायी।

अपनी चाह मे सब जन ने,
सुन्दर प्रकृति को हानि पहुँचायी,

निस दिन जिसकी नदियों से पीते जल,
अन्न उस धरा का खाते है,
वनों के जिसके लेते है औषधियाँ और फल,
उस वायुमंडल के तल मे जीते है।

अपनी चाह मे सब जन ने,
सुन्दर प्रकृति को हानि पहुँचायी।

संसाधन को खूब है ढोया,
कूड़ा -कचरा पैदा कर रोया,
नयी तकनीक तो खूब बनाई,
प्लास्टिक और ई-कचरा उपजाये।

अपनी चाह मे सब जन ने,
सुन्दर प्रकृति को हानि पहुँचायी।

ध्यान रखना ऐसी प्रकृति का,
जीवन अमूल्य जुड़ा है जिस पर,
निस्वार्थ हमें दिया है सब कुछ,
रक्षा उसकी करना सब जन।

अपनी चाह मे सब जन ने,
सुन्दर प्रकृति को हानि पहुँचायी ।

बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

2 Likes · 1 Comment · 121 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all
You may also like:
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
Shyam Sundar Subramanian
किसान
किसान
Dinesh Kumar Gangwar
3339.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3339.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
परिवार
परिवार
Neeraj Agarwal
औरत की दिलकश सी अदा होती है,
औरत की दिलकश सी अदा होती है,
Ajit Kumar "Karn"
हिंदी दोहे - हर्ष
हिंदी दोहे - हर्ष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"" *प्रेमलता* "" ( *मेरी माँ* )
सुनीलानंद महंत
राम और कृष्ण
राम और कृष्ण
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"इंसान की फितरत"
Yogendra Chaturwedi
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
"लिखना है"
Dr. Kishan tandon kranti
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
Mahendra Narayan
स्वामी श्रद्धानंद का हत्यारा, गांधीजी को प्यारा
स्वामी श्रद्धानंद का हत्यारा, गांधीजी को प्यारा
कवि रमेशराज
तमाम उम्र जमीर ने झुकने नहीं दिया,
तमाम उम्र जमीर ने झुकने नहीं दिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Ranjeet Kumar Shukla- Hajipur
Ranjeet Kumar Shukla- Hajipur
हाजीपुर
😊आज का दोहा😊
😊आज का दोहा😊
*प्रणय*
Home Sweet Home!
Home Sweet Home!
R. H. SRIDEVI
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
पूर्वार्थ
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
यह कहते हुए मुझको गर्व होता है
यह कहते हुए मुझको गर्व होता है
gurudeenverma198
जीवन
जीवन
लक्ष्मी सिंह
प्रेम है तो जता दो
प्रेम है तो जता दो
Sonam Puneet Dubey
ग़म है,पर उतना ग़म थोड़ी है
ग़म है,पर उतना ग़म थोड़ी है
Keshav kishor Kumar
हर बार नहीं मनाना चाहिए महबूब को
हर बार नहीं मनाना चाहिए महबूब को
शेखर सिंह
बढ़ता चल
बढ़ता चल
Mahetaru madhukar
ईश ......
ईश ......
sushil sarna
किसान की संवेदना
किसान की संवेदना
Dr. Vaishali Verma
*चली आई मधुर रस-धार, प्रिय सावन में मतवाली (गीतिका)*
*चली आई मधुर रस-धार, प्रिय सावन में मतवाली (गीतिका)*
Ravi Prakash
Loading...