अपनी घड़ी उतार कर मत देना
अपनी घड़ी उतार कर किसी को तोहफे में ना देना…
तुम्हारे वक्त की रफ़्तार…तुमरे हाथ में होनी चाहिए………
दुनिया तुम्हें कितना ही बुरा समझे…
तुम्हारी अपनी बात बढ़ी दमदार होनी चाहिए.
कोई सुने तो सुनता ही रह जाए…गुफ्तगु
अदब के दयारै में तुम्हारी गुफ़्तार
होनी चाहिए ….
कामयाब है हर वो रिश्ता..
.सुनो
रिश्ते को बनाए रखने में आपस में
समझदार होना चाहिए
किसी की खुशी में भले शामिल न हो…
हा मगर गम मे उस्का ज़ुरुर
मददगार होना
अपने मुह से अपनी तारीफ को जरा काबू में कर के रखो
इस्लिये के…….
हर वक़्त इंसान को खुदा का शुक्र गुज़र होना चाहिए
……शबीनाZ