अपनी किस्मत….
आज मैं अपनी किस्मत को, फिर आजमाने चल पड़ा हूं !!
देखना है क्या मिलता है, नसीब को मेरे !
आज पुरानी राहों पर, फिर मैं अकेला सा खड़ा हूं !!
हर सितम किस्मत का, मंजूर है मुझे !
पर देखना है अस्कों का दरिया भरने, क्या बस मैं अकेला खड़ा हूं!!
गर ना मिल पाए साथ उसका ए खुदा !
तो उठा लेना मुझे, ए खुदा क्योंकि वर्षों से बस में अधमरा पड़ा हूं!!₹..
रंजीत