अपनी आदत में
अपनी आदत में तुमको रक्खा है ।
दिल की शिद्दत में तुमको रक्खा है ।।
दिल में बे’चैनियां नहीं होती ।
दिल की राहत में तुमको रक्खा है ।।
कोई ख़्वाहिश नहीं तुम्हारे सिवा ।
दिल की चाहत में तुमको रक्खा है ।।
हर दुआ में तुम्हारा ज़िक्र रहा ।
दिल की हसरत में तुमको रक्खा है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद