Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

अपना सब संसार

अपनी मिट्टी, महल है अपना
अपना सब संसार
सब कुछ अपना ही अपना है
कहाँ दूसरा यार?

हमीं ब्रह्म हैं, पंच तत्व हम
हम ही हैं ब्रह्माण्ड
हम ही हैं सारी रामायण
हम ही हैं हर काण्ड।

सिवा हमारे नहीं कहीं कुछ
मत भटको, भटकाओ
‘ब्रह्म अनामय अज भगवन्ता’
मुक्त कंठ से गाओ।।

हरि है वही, वही है शंकर
वह ही विधि विज्ञानी
सबमें ब्रह्म, ब्रह्म में सब हैं
मायामय हर प्राणी!

महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महेश चन्द्र त्रिपाठी
View all
You may also like:
मईया के आने कि आहट
मईया के आने कि आहट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रामायण  के  राम  का , पूर्ण हुआ बनवास ।
रामायण के राम का , पूर्ण हुआ बनवास ।
sushil sarna
कविता -नैराश्य और मैं
कविता -नैराश्य और मैं
Dr Tabassum Jahan
चिंतन और अनुप्रिया
चिंतन और अनुप्रिया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जेठ का महीना
जेठ का महीना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जो कहना है खुल के कह दे....
जो कहना है खुल के कह दे....
Shubham Pandey (S P)
लगे रहो भक्ति में बाबा श्याम बुलाएंगे【Bhajan】
लगे रहो भक्ति में बाबा श्याम बुलाएंगे【Bhajan】
Khaimsingh Saini
"सोज़-ए-क़ल्ब"- ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जब तू मिलती है
जब तू मिलती है
gurudeenverma198
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
Jogendar singh
क्यूँ इतना झूठ बोलते हैं लोग
क्यूँ इतना झूठ बोलते हैं लोग
shabina. Naaz
2533.पूर्णिका
2533.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ले चल साजन
ले चल साजन
Lekh Raj Chauhan
एक समझदार व्यक्ति द्वारा रिश्तों के निर्वहन में अचानक शिथिल
एक समझदार व्यक्ति द्वारा रिश्तों के निर्वहन में अचानक शिथिल
Paras Nath Jha
* जिन्दगी की राह *
* जिन्दगी की राह *
surenderpal vaidya
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
Swati
" चुस्की चाय की संग बारिश की फुहार
Dr Meenu Poonia
"भुला ना सके"
Dr. Kishan tandon kranti
भौतिकता
भौतिकता
लक्ष्मी सिंह
अब तो
अब तो "वायरस" के भी
*प्रणय प्रभात*
जन्म मरण न जीवन है।
जन्म मरण न जीवन है।
Rj Anand Prajapati
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
Ravi Prakash
Love and truth never hide...
Love and truth never hide...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बारह ज्योतिर्लिंग
बारह ज्योतिर्लिंग
सत्य कुमार प्रेमी
दुश्मन कहां है?
दुश्मन कहां है?
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
यादों का बसेरा है
यादों का बसेरा है
Shriyansh Gupta
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रसीले आम
रसीले आम
नूरफातिमा खातून नूरी
Thunderbolt
Thunderbolt
Pooja Singh
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...