अपना भी टाइम आयेगा….
जब छोटे बच्चे थे ,
हमारे मां बाप छोटे छोटे खर्चों पर अंकुश लगाते थे ,
हम सोचते थे कॉलेज जायेंगे,जेब खर्च पाएंगे ,
कोई बात नहीं अपना भी टाइम आयेगा।
जब युवा हुए ,
कॉलेज जाने लगे तो सीमित जेबखर्च मिलता था।
तब फिर हमने सोचा,उच्च शिक्षा पूरी हो जाए,
नौकरी मिल जाए अच्छी सी,
फिर अपना भी टाइम आयेगा।
उच्च शिक्षा भी पूरी हो गई ,
नौकरी भी मिल गई ,
मगर सीमित थी तनख्वाह ,
उस पर हो गई शादी ,
सारी तनख्वाह गृहस्थी चलाने में खर्च हो जाती थी ।
हम ने फिर भी सोचा कोई बात नहीं,
बच्चों को उनके पैरों पर खड़े कर देते है ।
फिर आराम ही आराम ।
अपना टाइम जरूर आयेगा।
अब नौकरी से तो रिटायर हो चुके ,
सारी बची खुची जमा पूंजी ,पेंशन दवाइयों और
अस्पतालों में खर्च हो गई।
मगर मर्ज था ऐसा जिद्दी ,
छोड़ने वाला नहीं था ।
भगवान का बुलावा आकर ही रहा तब ,
डॉक्टर द्वारा हमारे बच्चों को कहते हुए सुना ,
” इनका टाइम आ गया “” ।