अपना प्यारा देश हमारा!!
अपना प्यारा भारत देश,
बोली भाषा हैं अनेक,
रहन सहन में है अनेकता,
खान पान में विविधता,
जलवायु नहीं एक समान,
कहीं पर बहती शीत लहर है,
कहीं पर गर्म हवाओं का कहर है,
कहीं मरुस्थल यह धरा है,
कहीं हरियाली की अनुपम छटा है,
कहीं पर फसलें लहलहाती,
कहीं पर फलों से झूलती डाली,
कहीं पर मिश्रित खेती बाड़ी,
कहीं पर साग सब्जी की सगवाडी,
कहीं पर बाग बगीचे न्यारे,
कहीं पर सीडी दार खेती के नजारे,
कहीं पर मिलों तक फैली पटिंया,
कहीं पर छोटी बड़ी क्यारियां,
अलग रुप अलग ही रंग है,
जुदा जुदा इनका ढंग है,
नाम हमारी पहचान बताते,
किस प्रदेश से हैं हम आते,
दक्षिण भारतीय नामों में ईश्वरीय लय है,
उत्तर भारतीयों के नामों में प्रकृति का समन्वय है
पूरब के वासीयों में राम – कृष्ण के बोल हैं,
पश्चिम के निवासियों के नाम अनमोल हैं,
विभिन्न धर्मों के हम अनुयाई,
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई,
हिन्दूओं में है वर्ण व्यवस्था,
जात पात की अलग ही प्रथा,
हर दृष्टि से हम हैं निराले,
कहीं गौर वर्ण, कहीं श्याम वर्ण,
कहीं कहीं पर निपट काले,
अपने अपने धर्म के मत वाले,
हमारी अनेकता में एकता है भरी पड़ी ,
इस में कोई भेद न देखे,
ना ही कोई भ्रम ही पाले,
काश्मीर से कन्याकुमारी तक,
बंगाल की खाड़ी से नीति माणा तक,
चाहे बोली भाषा अनेक हैं,
पर हम सब एक हैं!
हम एक हैं एक ही रहे हैं, एक ही रहेंगे,
हर मुश्किल को मिलकर हल करेंगे,
क्यों कि हमें अपना देश है प्यारा,
भारत अपना देश है न्यारा,
यहां पर मंदिरों के घंटे घड़ियाल हैं,
धर्म ध्वज की पताकाएं हजार हैं,
यहां गिरीजा घरों की भरमार है,
गुरुद्वारों का सजता दरबार है,
यहां पर मस्जिदों के हैं चौक चौबारे,
मुल्ला मौलवियों की नमाज के नजारे,
चारधामों की यहां पीठ है,
शक्ति पूजा की रीत है,
यहां शिव के ज्योतिर्लिंग हैं,
राम-कृष्ण आस्था के पुंज हैं,
कुंभ का पवित्र स्नान यहां है,
अमृत बूंद पड़ा जहां है,
नासिक, उज्जैन, और हरिद्वार,
लगता मेला हर चार साल,
इलाहाबाद जो प्रयाग राज है,
हर प्रयागों का यह सरताज है,
नदियों की महिमा है न्यारी,
गंगा, जमुना , गोदावरी,
सरस्वती,नर्मदा,कावेरी,
पूजी जाती है मां समान,
नदियों को देते हैं इतना सम्मान,
मर्यादा पुरुषोत्तम राम की नगरी अयोध्या पुरी नाम है,
राधा रानी, और बांके बिहारी का वृंदावन धाम है,
पित्र मुक्ति के लिए बोधगया है,
बौद्ध भिक्षुओं ने जहां पर शरण लिया,
इतना कुछ है यहां समाया,
जनम जहां पर हमने पाया,
धन्य धन्य है यह भारत माता,
भारत ही है अपना भाग्य विधाता,
भारत अपना देश है प्यारा,
सबसे न्यारा देश हमारा।