” ———————————— अपना आज बनाएं ” !!
आओ खुशियां कैद करें हम , थोड़ा सा मुस्काये !
अवसर हमने पाया है तो , नगदीकरण करायें !!
जोखिम कोई नहीं उठाना , हँसना चाहो हँस लो !
सेल्फी लेना शगल बना है , अपनी जान बचाएँ !!
यही झरोखे स्मृतियों के , ताज़ा दम कर देते !
खुशहाली के इन्हीं पलों को , अपना आज बनायें !!
मीठे प्यार के पल भीगे से , हम भी भीगे भीगे !
भीगे भीगे से मौसम को , आओ गले लगायें !!
सजे धजे अरमान तुम्हारे , सजी धजी आशाएं !
उम्मीदों की सजी डोर है , चिक को आज गिरायें !!
मतवारे नयनों से तुमने , बाँधा है चितवन को !
हाथ हमारे रहा नहीं कुछ , यों ही लुटते जायें !!
ज्यादह ना इतराओ ऐसे , समय करे निगरानी !
सीमाओं के गठबंधन में , आओ गोते खाएँ !!
बृज व्यास