Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2020 · 1 min read

“अपनापन” (सखियों के मध्य मधुर संवाद)

शीर्षक-“अपनापन” (सखियों का हिंदी संवाद)

प्रिय सखी

आगमन से आपके मन-मंदिर दोनों ही प्रफुल्लित हुए । आपकी उपस्थिति से मेरी सुहागिन-पूजा को पूर्णता प्राप्त हुई, उसके लिए अनेकानेक धन्यवाद एवं आभार । भविष्य में भी मुझे आपका प्रेम-स्नेह ऐसे ही मिलता रहे इसी आकांक्षा के साथ

प्रिय सखी

मैं भी आभारी हूं , इस सुहागिन-पूजा के बुलावे से मेरा मन-मंदिर भी प्रसन्न होकर आपको शुक्रिया अदा करता है और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वह सदा आपकी मनोकामना पूर्ण करे और हमारा प्रेम-स्नेह यूं-ही अग्रसर हो ।

दिलों को जोड़ती हिंदी-भाषा में हुए संवादों से जो अपनापन झलक रहा, वह अन्य भाषाओं में कहां?

आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक
भोपाल

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aarti Ayachit
View all
You may also like:
फ़साने
फ़साने
अखिलेश 'अखिल'
*हीरे को परखना है,*
*हीरे को परखना है,*
नेताम आर सी
★बादल★
★बादल★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
-  मिलकर उससे
- मिलकर उससे
Seema gupta,Alwar
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
कवि रमेशराज
Dr. Arun Kumar shastri
Dr. Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
-------ग़ज़ल-----
-------ग़ज़ल-----
प्रीतम श्रावस्तवी
'एक कप चाय' की कीमत
'एक कप चाय' की कीमत
Karishma Shah
शर्म करो
शर्म करो
Sanjay ' शून्य'
कोहिनूराँचल
कोहिनूराँचल
डिजेन्द्र कुर्रे
** लिख रहे हो कथा **
** लिख रहे हो कथा **
surenderpal vaidya
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
😊 लघु कथा :--
😊 लघु कथा :--
*Author प्रणय प्रभात*
ऐतिहासिक भूल
ऐतिहासिक भूल
Shekhar Chandra Mitra
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
bharat gehlot
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
कवि दीपक बवेजा
'Being human is not that easy..!' {awarded poem}
'Being human is not that easy..!' {awarded poem}
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
विश्वामित्र-मेनका
विश्वामित्र-मेनका
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गाथा हिन्दी की
गाथा हिन्दी की
Tarun Singh Pawar
कहते हैं लोग
कहते हैं लोग
हिमांशु Kulshrestha
आखिर कब तक
आखिर कब तक
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
रिटर्न गिफ्ट
रिटर्न गिफ्ट
विनोद सिल्ला
3201.*पूर्णिका*
3201.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भ्रात प्रेम का रूप है,
भ्रात प्रेम का रूप है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
शेखर सिंह
धन से कब होता जुड़ा ,खुशियों भरा स्वभाव(कुंडलिया)
धन से कब होता जुड़ा ,खुशियों भरा स्वभाव(कुंडलिया)
Ravi Prakash
माली अकेला क्या करे ?,
माली अकेला क्या करे ?,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"लहर"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं बहुतों की उम्मीद हूँ
मैं बहुतों की उम्मीद हूँ
ruby kumari
Loading...