*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार
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आज दिनांक 19 मार्च 2023 रविवार को हमारी पौत्री रुत्वी अग्रवाल (सुपुत्री डॉ. रघु प्रकाश एवं डॉ. प्रियल गुप्ता) का अन्नप्राशन संस्कार मुरादाबाद में निवास पर आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम रूत्वी की आयु छह माह पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज से अन्न के रूप में भोजन आरंभ करने के लिए आयोजित था । कुंदरकी से पधारे आर्य समाज के विद्वान महोदय द्वारा हवन का संचालन किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य चॉंदी के चम्मच से पौत्री को खीर खिलाकर अन्नप्राशन की विधि संपन्न हुई । मंत्रों के माध्यम से पंडित जी ने समझाया कि भोजन का सात्विक, मधुर और पौष्टिक होना अत्यंत आवश्यक होता है। भारतीय परंपरा में भोजन की शुचिता पर विशेष ध्यान दिया गया है। वेद के मंत्रोंच्चार के साथ अन्नप्राशन का यज्ञ वातावरण में हवन सामग्री की महक के साथ-साथ सद्विचारों को भी फैलाता गया । सौभाग्य से हमारी पुत्रवधू डॉक्टर प्रियल गुप्ता को यज्ञ-विधि तथा मंत्र कंठस्थ हैं। विधि-विधान में वह पारंगत हैं। इसलिए उनकी उपस्थिति में यज्ञ और भी प्रभावी बन जाता है । मेरे छोटे सुपुत्र डॉ रजत प्रकाश (डेंटल सर्जन) तथा उनकी पत्नी डॉक्टर हर्षिता पूठिया भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
अन्नप्राशन संस्कार के बाद कुछ देर तक ढोलक बजाकर महिलाओं ने भजन गाए । तत्पश्चात हम लोग बृजघाट चले गए । वहॉं पर रूत्वी का भी मुंडन संस्कार होना था तथा तीन माह की हमारी दूसरी पौत्री अद्विका अग्रवाल (सुपुत्री डॉक्टर रजत प्रकाश एवं डॉक्टर हर्षिता पूठिया) का भी मुंडन संस्कार होना था ।
ब्रजघाट में नाई के सिद्धहस्त पारंगत हाथों से निर्विघ्न रूप से दोनों पोतियों के बाल उतर गए। फिर बच्चों के साथ नाव में बैठकर कुछ देर नदी की सैर भी की। पूरा दिन हर्षोल्लास के साथ व्यतीत हुआ। बादलों की ऑंख-मिचौनी सूरज के साथ दिन-भर चली। बृजघाट पर पंडित जी ने सब के टीका लगाया । खस्ता कचौड़ी, गंगाफल, आलू की सब्जी, मेथी की चटनी और रायते का परंपरागत स्वादिष्ट भोजन बृजघाट की विशेषता है। खाया, तो आनंद आ गया।