Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

अन्तर्मन

मन के शिखर पर,
निराशा के धुंध छाएं है।

हृदय के सागर में,
वेदना के स्वर समाएं हैं।

अभिलाषाओं पर कहर ढहीं,
तब सुप्त व्यथा की लहर बही।

अन्तर्मन फिर व्यथित हुआ,
और करुण हृदय भी द्रवित हुआ।
।। रुचि दूबे।।

Language: Hindi
1 Like · 105 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर....
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर....
Shweta Soni
-अपनो के घाव -
-अपनो के घाव -
bharat gehlot
भाई
भाई
Kanchan verma
भागदौड़ भरी जिंदगी
भागदौड़ भरी जिंदगी
Bindesh kumar jha
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
Anil Kumar
भागमभाग( हिंदी गजल)
भागमभाग( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
नज़रें!
नज़रें!
कविता झा ‘गीत’
जीवन में कुछ बचे या न बचे
जीवन में कुछ बचे या न बचे
PRADYUMNA AROTHIYA
सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से न
सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से न
Dr MusafiR BaithA
अच्छी थी पगडंडी अपनी।सड़कों पर तो जाम बहुत है।।
अच्छी थी पगडंडी अपनी।सड़कों पर तो जाम बहुत है।।
पूर्वार्थ
श्रम दिवस
श्रम दिवस
SATPAL CHAUHAN
वृद्धाश्रम इस समस्या का
वृद्धाश्रम इस समस्या का
Dr fauzia Naseem shad
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
ला-फ़ानी
ला-फ़ानी
Shyam Sundar Subramanian
अपार ज्ञान का समंदर है
अपार ज्ञान का समंदर है "शंकर"
Praveen Sain
पथिक आओ ना
पथिक आओ ना
Rakesh Rastogi
आखों में नमी की कमी नहीं
आखों में नमी की कमी नहीं
goutam shaw
क्या सत्य है ?
क्या सत्य है ?
Buddha Prakash
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
Monika Verma
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
VEDANTA PATEL
गांधीजी का भारत
गांधीजी का भारत
विजय कुमार अग्रवाल
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
Phool gufran
खुश रहने की कोशिश में
खुश रहने की कोशिश में
Surinder blackpen
23/70.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/70.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तस्वीरों में तुम उतनी कैद नहीं होती हो,
तस्वीरों में तुम उतनी कैद नहीं होती हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ভালো উপদেশ
ভালো উপদেশ
Arghyadeep Chakraborty
■ आस्था की अनुभूति...
■ आस्था की अनुभूति...
*प्रणय प्रभात*
जीवन है चलने का नाम
जीवन है चलने का नाम
Ram Krishan Rastogi
* सामने आ गये *
* सामने आ गये *
surenderpal vaidya
*अपना अंतस*
*अपना अंतस*
Rambali Mishra
Loading...