Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2022 · 1 min read

अनुरोध

ऐ मेरी कलम!
त्याग कर सारे भ्रम
तू चलती रहे
निर्विकार भाव से
चुभती रह
झूठ के सीने पर
निर्भय रह
नया लिख
कुछ संतुष्ट कष्ट
कुछ अनुत्तरित प्रश्न
मेरी साहसी
कलम
तू अनवरत चल

रश्मि लहर

Language: Hindi
270 Views

You may also like these posts

शपथ संविधान की खाकर,माल चकाचक खाए
शपथ संविधान की खाकर,माल चकाचक खाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लोग समझते हैं
लोग समझते हैं
VINOD CHAUHAN
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
पूर्वार्थ
#ਹੁਣ ਦੁਨੀਆ 'ਚ ਕੀ ਰੱਖਿਐ
#ਹੁਣ ਦੁਨੀਆ 'ਚ ਕੀ ਰੱਖਿਐ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
#तेवरी
#तेवरी
*प्रणय*
Stay grounded
Stay grounded
Bidyadhar Mantry
*तू नहीं , तो  थी तेरी  याद सही*
*तू नहीं , तो थी तेरी याद सही*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*प्रेम नगरिया*
*प्रेम नगरिया*
Shashank Mishra
"असलियत"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी
जिंदगी
Rambali Mishra
सांवली लड़की और बेरोजगार लड़के ही जानते हैं कि दुनिया की तान
सांवली लड़की और बेरोजगार लड़के ही जानते हैं कि दुनिया की तान
Ranjeet kumar patre
चल पड़ी है नफ़रत की बयार देखो
चल पड़ी है नफ़रत की बयार देखो
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
*नमन गुरुवर की छाया (कुंडलिया)*
*नमन गुरुवर की छाया (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
Om Prakash Nautiyal
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
Shreedhar
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
Neelam Sharma
दिल से कह देना कभी किसी और की
दिल से कह देना कभी किसी और की
शेखर सिंह
बदलाव जरूरी है
बदलाव जरूरी है
Padmaja Raghav Science
यादों की तुरपाई कर दें
यादों की तुरपाई कर दें
Shweta Soni
कैद परिंदें
कैद परिंदें
Santosh Soni
हर पन्ना  जिन्दगी का
हर पन्ना जिन्दगी का
हिमांशु Kulshrestha
क्या अपने और क्या पराए,
क्या अपने और क्या पराए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल टूटेला छने छन कई बेर हो
दिल टूटेला छने छन कई बेर हो
आकाश महेशपुरी
3611.💐 *पूर्णिका* 💐
3611.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
पराया तो पराया ही होता है,
पराया तो पराया ही होता है,
Ajit Kumar "Karn"
बदलाव
बदलाव
Shekhar Chandra Mitra
मैं नशे में हूँ !
मैं नशे में हूँ !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
sushil sarna
Loading...