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29 Aug 2019 · 1 min read

अनुकरणीय

“अनुकरणीय”

जीवन सौजन्य मिला जिनके,
संरक्षित जीवन नित्य रहे
उनकी सेवा से कष्ट कटे
परम् दिव्य हरि प्रीति मिले,
आकर इस संसार में यदि
व्यर्थ बीत जाएं दिन सारे,
क्या लाभ कमाया है इसने,
मानव-शरीर शव मात्र हुए।
धर्मशील आचरण करें,
सब नारायण को भेंट करें।
कर मुरलीधर की प्रीत अरे!
इहलोक बने परलोक सधे।
राधे !! राधे!!

Language: Hindi
2 Likes · 381 Views
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