Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2021 · 2 min read

**अनहद नाद**

**अनहद नाद**
============

अनहद नाद की प्यासी है श्रुतिपुट…
अनन्त शून्य की ऊचाईयों से,
समुन्दर की गहराईयों तक ।
अनंत शब्दों का नाद सुना मैंने,
पर मन को न भाया कोई शब्द जगत की।
ऐसी चाहत है अब श्रुतिपुट की,
झूम उठे मन का हर कोना-कोना।
अब तो श्रुतिपुट प्यासी है बस अनहद नाद की…

हलचलें तो गूंजती है,अंतर्मन में है अनेकों,
गूंजती है दिन-रात कर्कश ध्वनि में सिमटी हुई नादें,
पथरा सी गई है कर्णों की श्रवण शक्तियां भी।
मन क्यों धोखा खाता है,उलझता है,
उन मिथ्यावचन की सुर तान में मोहित होकर।
अब वो मुरली की मधुरतान भी न लगती कर्णप्रिय,
मन को भ्रमित ही करती है,सुन-सुन कर।
अब तो श्रुतिपुट प्यासी है ,बस अनहद नाद की…

वैभव विलास की माया से आहत होकर,
न जाने कितने जन्म लिये हमने।
प्रतिक्षण काल कवलित होकर भी,
नित नूतन श्रृंगार किए मानव ने।
मन हुआ अधीर सह-सहकर,शब्द निरर्थक की पीड़ा,
पिला दो प्यासे मन को,अब बुद्धत्व की पवित्र मदिरा।
अब तो बस अनहद ध्वनि से मधुरतान करो।
अब तो श्रुतिपुट प्यासी है बस अनहद नाद की…

भूख,भय और तृष्णा से आहत हुए मन के तार,
अब तो तलाश रही,बस उस मधुरध्वनि की सुर-तान,
मै, मैं में न रहूँ बस तूँ ही मुझमें हमेशा रहे विद्यमान।
सुना दो ब्रह्म को एक बार सुर में पिरोकर,
कर्ण की मधुरतम नाद को,मौन की आवाज से चुनकर।
सुना दो कर्णपटल को वो अमृतध्वनि की नगमे,
कुछ भी शेष न रह जाए,सुनने को इस जग में।
श्रुतिपुट तो प्यासी है बस,अब अनहद नाद की…

मौलिक एवं स्वरचित

© *मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – २०/०६/२०२१
मोबाइल न. – 8757227201

Language: Hindi
11 Likes · 10 Comments · 2351 Views
Books from मनोज कर्ण
View all

You may also like these posts

किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना
किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना
Manisha Manjari
कुण्डलिया कैसे लिखें...
कुण्डलिया कैसे लिखें...
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
परत दर परत
परत दर परत
Juhi Grover
मदिरा सवैया
मदिरा सवैया
Rambali Mishra
पिता
पिता
GOVIND UIKEY
"अजीब रवायतें"
Dr. Kishan tandon kranti
नारी चेतना का वैश्विक फलक
नारी चेतना का वैश्विक फलक
Sudhir srivastava
4295.💐 *पूर्णिका* 💐
4295.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Phoolon ki bahar hoti hai jab tu mere sath hoti hai,
Phoolon ki bahar hoti hai jab tu mere sath hoti hai,
Rishabh Mishra
कवि और कविता
कवि और कविता
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एहसास दे मुझे
एहसास दे मुझे
Dr fauzia Naseem shad
*आया पूरब से अरुण ,पिघला जैसे स्वर्ण (कुंडलिया)*
*आया पूरब से अरुण ,पिघला जैसे स्वर्ण (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ये बता दे तू किधर जाएंगे।
ये बता दे तू किधर जाएंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रमाणिका छंद आधारित गीत
प्रमाणिका छंद आधारित गीत
Godambari Negi
खून के छींटे है पथ्थरो में
खून के छींटे है पथ्थरो में
sushil yadav
तुम्हे क्या लगता,
तुम्हे क्या लगता,
अमित मिश्र
“क्योंकि हरेक पति की एक कहानी है ,
“क्योंकि हरेक पति की एक कहानी है ,
Neeraj kumar Soni
जमाने से विद लेकर....
जमाने से विद लेकर....
Neeraj Mishra " नीर "
आ
*प्रणय*
समय की महत्ता
समय की महत्ता
उमा झा
धनवान -: माँ और मिट्टी
धनवान -: माँ और मिट्टी
Surya Barman
*बदले नहीं है आज भी लड़के*
*बदले नहीं है आज भी लड़के*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुरली कि धुन,
मुरली कि धुन,
Anil chobisa
नारी शक्ति वंदन अधिनियम
नारी शक्ति वंदन अधिनियम
आर एस आघात
Gatha ek naari ki
Gatha ek naari ki
Sonia Yadav
"तुम कौन थे , क्या थे, कौन हो और क्या हो ? इसके बारे में कोई
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
बस माटी के लिए
बस माटी के लिए
Pratibha Pandey
जीवन है चलने का नाम
जीवन है चलने का नाम
Ram Krishan Rastogi
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-177 के श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-177 के श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वो एक शाम
वो एक शाम
हिमांशु Kulshrestha
Loading...