अनमोल समय…
जहाँ देखो वहाँ आज भाग रहा मनुष्य
ये हैं तेरा… अरे नहीं….ये हैं मेरा…
मेरे… तेरे… चक्कर के, चक्र्वुह में फंस रहा बेचारा…!!
हर जगा हैं लाइन लगी इंसानो की
अरे मेरा हैं नंबर पहला…तू क्यूं घुस लगाए पहला…!!
मैं हूं आया तेरे आगे…नहीं हैं तेरा नंबर आगे
मै आया हु वक्त निकाल के मुश्किल से
मैं तो रहता व्यस्त हमेशां…ऐसा कहता रहता सदैव..!!
तो फिर… नेक काम में क्यों तू पीछे….!!!
जब कुदरत ने दिया हमें अनमोल समय,
तो सतकर्मो करलो सभी
डर रखोंगे ऊपर वाले का,
तो फिर.. देखलो..हम रहेंगे वक्त के आगे हमेश….!!!
जब बुलावा आयेंगा प्रभु का
तो फिर…न तेरा चलेगा, न फिर मेरा…..!!!!