अधूरी प्रेम कथा ……
नजरअंदाज करना उनका सबको खलने लगा ।
मैं ये सोच कर हैरान था ।वो क्यो अब मुस्कराती नही ।।
शायद गलतियाँ हुई होंगी मुझसे।
वो नाराज है सो कुछ बताती नही ।।
फिर थक हार कर एक दिन उसने कह ही दिया मुझसे
मैं तुम्हे अब पसन्द नही करती
इत्ती सी बात क्यो समझ आती नही ।।
कुछ इस क़दर बढ़े फिर फासले दो दिलों के दरमियां
वो याद तो है… , पर याद उनकी अब आती नही ।।
मौत के इंतजार में पलकें बिछाए बैठे है ।
सबको आती है कमबख्त हमको क्यो आती नही।।
तंग आ गए क्या “कैश” खुद से ,
अच्छी भली तो जिंदगी है। फिर रास क्यो आती नही।।