अधूरा बहुत कुछ है
नींद भी अधूरी
ख्वाब भी अधूरा है
उनसे मुलाकात भी अधूरी
उनका दीदार भी अधूरा है
उनको महसूस करना भी अधूरा
और इश्क का इजहार भी अधूरा है
नयन चार होना भी अधूरा
गले लग जाना भी अधूरा है
उनकी बातों में खो जाना भी अधूरा
और मुस्कान में फिदा हो जाना भी अधूरा है
उनके दिल में बस जाना भी अधूरा
मेरी सांसों में समा जाना भी अधूरा है
उनका मेरी जिंदगी में आना भी अधूरा
और मेरी जान बन जाना भी अधूरा है
शिव प्रताप लोधी