||अधूरा इश्क ||
“ना दूर जा ऐे मुसाफिर
तू छोडके मुझे
तन्हा अकेला मै रह जाऊंगा
बिछडके फिर तुझसे कैसे
तेरी यादों में मै जी पाउँगा
होगा बदनाम हर जर्रा मोहब्बत का
तस्वीरों से मैखाने तक फिर छा जाऊंगा
रहूँगा सिर्फ यादों में जिन्दा
या तेरे बगैर फिर मर जाऊंगा
तू ही बता दे इस इश्क की मंजिल
दास्ताँ मोहब्बते की मिट जाएगी
या फिर कहानी अधूरी ये रह जाएगी ||”