अधुरा सपना
एक अधुरा सपना मेरा
बार -बार आकर मेरे दिल पर
दस्तक देता रहता है ।
लाख भुलाना चाहूँ पर
वह मुझे भुलने नहीं देता है।
याद दिलाकर वह मेरे सपने को
हर दिन मुझे रुलाते रहता है।
बार – बार अपने को पुरा
करने को कहता रहता है।
मैं कहती रहती हूँ उससे
मत आया कर तु मेरे पास।
तु मेरा अतीत की हिस्सा थी
अब जीने दो मुझे
मेरे वर्तमान के साथ।
पर वह पगली न जाने
क्यों जिद्द पर अड़ी है।
बार- बार आकर वह
मेरे वर्तमान और भविष्य
के बीच मे खड़ी है।
मै कैसे उसे समझाऊँ की
वह मेरा अब भविष्य
नही बन सकती है
न वर्तमान का हिस्सा बनकर
वह मेरे साथ रह सकती है।
वह सपना थी मेरे अतीत की
वह अब पुरा नही हो सकती है।
अब मैने सपना देखना छोड़ दिया है
अब मैं रहती हूँ हक़ीक़त के साथ।
वह अल्लहड सी लड़की
अब उसे ढुंढ़ने पर भी
कही नहीं मिलेगी।
जो सपनो की दुनियाँ मे रहती थी।
अब वह खोजने पर भी नही मिलेगी।
अब तुम्हारे आस्तित्व को भी
मिटना पड़ेगा।
तु सपना थी मेरे जीवन की
तुम्हें सपना बनकर रहना पड़ेगा।
बार-बार मेरे जीवन मे आकर
परेशान करना बंद करना पड़ेगा।
तुम्हें मेरे अतीत का हिस्सा थी,
तुम्हे अतीत हिस्सा बनकर ही
रहना पड़ेगा।
~ अनामिका