अद्भुद भारत देश
यह अद्भुद देश है भारत, यहाँ सब अहिंसा परमोधर्म कहते हैं।
जिसने हत्या की महात्मा गाँधी की, उसे फूल अर्पण कर नमन करते हैं..।।
निर्गुण-सगुणों की है यह दुनियां, मंदिर-मजारों में ढ़ोल नगाड़े बजते है।
जब बात हो साम्प्रदायिक सौहार्द की, तो मंदिरों मस्जिदों को ध्वस्त करते हैं..।।
देवतुल्य देवभूमि है भारत, यहाँ नदियाँ अमृत जल बनकर बहती है।
पितरों को आत्माओं का तर्पण करने, देश की गंदगी साफ करती रहती हैं..।।
ज्ञान विज्ञान की महाभूमि है भारत, यहाँ शास्त्र पुराणों का ज्ञान बरसता रहता है।
आत्मा को परमात्मा कहकर, शरीर को खाक करने दंगा फसाद होता रहता है..।।
महिलाएं देवियाँ हैं जो धन संपत्ति देती हैं, कोई दुर्गा,कोई लक्ष्मी, कोई अन्नपूर्णा होती है।
सुंदर सौम्य मूर्ति बनाकर वो पूजी जाती है, पुरुषों के चरणों में रहती है देवता की पूजा करती हैं..।।
विचारों का संगम है भारत, यहाँ अथिति देवो भव का उद्घोष होता हैं।
विदेशी आचार विचारों को सम्मान देने में, निज भाषा संस्कृति धरोहर को भुला दिया जाता हैं..।।
यहाँ न्याय की धारा हर आंगन से बहती है, देवता इंसान बनकर अन्यायी का संहार करते हैं।
यहाँ कोई मार दे पशु जानवर तो, इंसान मोब लिंचिंग कर जानवर को भी न्याय देते हैं।।
विस्वगुरु वसुधैव है भारत, यहाँ के लोग राष्ट्रभक्ति में निर्लिप्त रहते हैं।
पाखण्ड इनके खून में बसता, गांधी को करंसी बनाकर के गोडसे जिंदाबाद कहते हैं..।।
यहाँ के राजा सम्राट ऐसे हैं, जो राजा हरिश्चन्द्र को आदर्श कहते हैं।
सच्चाई के लिए मरते, झूठ को भी सच बनाकर जीते हैं।।
यहाँ का राजा, दानवीर कर्ण को हरदम याद रखता है,
पड़ौसी तोड़ दे सीमा, तो उसे वह दान में दे देता हैं।।
गुरु द्रोण का पाठ यहाँ के जननायक नेता, हर वक्त याद रखते हैं।
फिजूल की डिग्री का बोझ कम करके, हर पाँच वर्ष में अँगूठा लेते हैं।।
यह कैसा अद्भुद देश है भारत, मेरा जन्म हर बार इसी धरा पर हो ।
मोक्ष यहाँ मिलेगा नहीं, भ्रष्टाचार पाखंड का आनंद मेरा यही पर हो।।
prAstya……….(प्रशांत सोलंकी)