*अद्भुत यह बरसात (गीत)*
अद्भुत यह बरसात (गीत)
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दिन-भर बादल घिरे रहेंगे,अद्भुत यह बरसात
(1)
सूरज हुए नदारत नभ से,दिखती नहीं दुपहरी
सुबह बीतती है फिर सीधे, संध्या मेघ-भरी
काले-काले बादल जाने कब ले आते रात
(2)
रिमझिम-रिमझिम खेल चल रहा,भीगा-भीगा मौसम
बरस रही बूँदें जादू से, होती हैं क्या कुछ कम ?
बूँदे-बादल-आसमान से कर लो थोड़ी बात
दिन-भर बादल घिरे रहेंगे,अद्भुत यह बरसात
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451