अद्भुत प्रयास
जिंदगी की दौड़ में
यह भीड़ ,भागती हुई
उलझ चुकी है,
अपने ही घेरों में।
जब- जब टूटेंगे
भीतर के घेरे
हर और होगा
उज्ज्वल उजास।
भागता समय
एक क्षण के लिए
रुक जाएगा
लिखने को इतिहास।
सन्नाटों में सिमटे
जीने वाले लोग
मौन तोड़कर
करेंगे स्वर का अहसास।
सफल होगा मन के
अश्वत्थ का
जड़े जमाने का
अद्भुत प्रयास।
सांसों की सरगम पर
थिरक उठेगा
बावरा बंजारा
स्वयं अनायास।
प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव
अलवर (राजस्थान)