अदालत
हमारा मुकदमा हमारी अदालत
हमारा वकील और हमारी वकालत
हमारी जिरह थी हमारी बहस थी
हुआ फैसला ना फिर हारी अदालत
हारी अदालत गई फिर अदालत
लिए ख्वाब में जीतने की चाहत
अर्जी सुनी ना गई उसकी कोई
असल में थी वो भी अपनी अदालत
फिर दोनों अदालत गयीं फिर अदालत
ऊँची अदालत की अच्छी थी हालत
दोनों अदालत के नौसिखिया वकील
हमारी वकालत अदालत -अदालत
अदालत की जिरह सुन सकी न अदालत
नौसिखिया को सुनने की थी जो न चाहत
इंसाफ मिलना नामुमकिन सा था ही
अदालत फिर रही अब अदालत -अदालत
-सिद्धार्थ गोरखपुरी