Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

अदाकारी

अतुकांत कविता
अदाकारी सीखकर
अदाकार बन गए
कलम के सिपाही
फनकार बन गए
लहराती ज़ुल्फों में
अब उड़ती है ग़ज़ल
गीतों के कमरों में
रोशनदान हो गए
मानते थे पहले जो
लिखना कमाल था
बाजार में सब हुजूर
औजार आ गए।।।
प्रस्तुति की ये अदाएं
क्या जनाब सुनिए
बादलों के झुंड की
आप चाल देखिए।।
लिखते रहो आप भी
नितांत सुख आपका
तालियां तो इधर हैं
क्या तुम्हारा वास्ता।।
सूर्यकांत

Language: Hindi
1 Like · 76 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Suryakant Dwivedi
View all
You may also like:
"ऐ मेरे दोस्त"
Dr. Kishan tandon kranti
भ्रात प्रेम का रूप है,
भ्रात प्रेम का रूप है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कितना दूर जाना होता है पिता से पिता जैसा होने के लिए...
कितना दूर जाना होता है पिता से पिता जैसा होने के लिए...
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
शान्ति कहां मिलती है
शान्ति कहां मिलती है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मे गांव का लड़का हु इसलिए
मे गांव का लड़का हु इसलिए
Ranjeet kumar patre
मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
ruby kumari
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
शिव प्रताप लोधी
मैं चोरी नहीं करता किसी की,
मैं चोरी नहीं करता किसी की,
Dr. Man Mohan Krishna
आज की दुनिया ऐसी ज़ालिम है...
आज की दुनिया ऐसी ज़ालिम है...
Ajit Kumar "Karn"
सबसे नालायक बेटा
सबसे नालायक बेटा
आकांक्षा राय
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जय हनुमान
जय हनुमान
Santosh Shrivastava
🫴झन जाबे🫴
🫴झन जाबे🫴
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
सज्जन से नादान भी, मिलकर बने महान।
सज्जन से नादान भी, मिलकर बने महान।
आर.एस. 'प्रीतम'
***वारिस हुई***
***वारिस हुई***
Dinesh Kumar Gangwar
जरुरी नहीं कि
जरुरी नहीं कि
Sangeeta Beniwal
पत्नी से अधिक पुरुष के चरित्र का ज्ञान
पत्नी से अधिक पुरुष के चरित्र का ज्ञान
शेखर सिंह
रब के नादान बच्चे
रब के नादान बच्चे
Seema gupta,Alwar
*हिंदी तो मेरे मन में है*
*हिंदी तो मेरे मन में है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कर्मों के परिणाम से,
कर्मों के परिणाम से,
sushil sarna
प्यार के मायने
प्यार के मायने
SHAMA PARVEEN
प्रजा शक्ति
प्रजा शक्ति
Shashi Mahajan
जिस तरह
जिस तरह
ओंकार मिश्र
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
बरसने दो बादलों को ... ज़रूरत है ज़मीं वालों को ,
बरसने दो बादलों को ... ज़रूरत है ज़मीं वालों को ,
Neelofar Khan
उल्लासों के विश्वासों के,
उल्लासों के विश्वासों के,
*प्रणय प्रभात*
सेवा निवृत काल
सेवा निवृत काल
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*दादाजी (बाल कविता)*
*दादाजी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मैं स्वयं हूं..👇
मैं स्वयं हूं..👇
Shubham Pandey (S P)
रो रही है मॉं
रो रही है मॉं
SATPAL CHAUHAN
Loading...