*अदब *
dr arun kumar shastri – ek abodh balak- arun atript
*अदब *
अदब का अदब से जबाब दिजिए
ये दुनिया है साहिब इस्तकबाल किजिये
अकड़ोगे जो किसी से तो नफरत मिलेगी
मोहब्बत करोगे तो मोहब्बत मिलेगी
अदब का अदब से जबाब दिजिए
नहीं कोई तुमसा नहीं कोई उनसा
जो समझोगे दिल से तो उलफत मिलेगी
ये दुनिया है साहिब इसको प्यार किजिये
अदब का अदब से जबाब दिजिए
नहीं कोई दुश्मन जहाँ में खुदी सा
ये रंजों का आलम ये
ये सितम बेखुदी का
रंगों से भर दो आकाश तारे
खुशी दोगे , खुशी दोगे तो ही
तमन्ना , खुश खुश मिलेगी
ये दुनिया है साहिब अदब से मिलेगी
मोहब्बत करोगे तो मोहब्बत मिलेगी
नहीं कोई अपना न हिन्दु न मुस्लिम
अदबो अदब के सारे ये मुन्सिफ़
रुपया न पैसा न दौलत न शोहरत
यहाँ सिर्फ इबादत चलेगी
अदब का अदब से जबाब दिजिए
ये दुनिया है साहिब इस्तकबाल किजिये
अकड़ोगे जो किसी से तो नफरत मिलेगी
मोहब्बत करोगे तो मोहब्बत मिलेगी