अतृप्त अधर
अतृप्त अधर
टेसू के फूल
लाल सुर्ख अंगार
अतृप्त अधर
प्रणय प्रखर
मन आतुर अनंत
पुलकित कंत
स्नेहिल बौछार
तुमुल द्वन्द्व
नेह निस्पन्द
छुअन मदभरी
तन बल्लरी
अमिय रस धार।
-©नवल किशोर सिंह
अतृप्त अधर
टेसू के फूल
लाल सुर्ख अंगार
अतृप्त अधर
प्रणय प्रखर
मन आतुर अनंत
पुलकित कंत
स्नेहिल बौछार
तुमुल द्वन्द्व
नेह निस्पन्द
छुअन मदभरी
तन बल्लरी
अमिय रस धार।
-©नवल किशोर सिंह