अतीत
अतीत, वह अविरल ग्रन्थ , छुपी जिसमें सैकड़ों कहानियाँ।
वो लम्हे, वो पल, जो गुजर गए, बस यादों की धूमिल निशानियाँ
हर दिन, हर पल, अतीत के कुछ – स्याह से स्याही पन्नों में
कुछ सिखा गए सीख गज़ब, संजो लिए जो बहुमूल्य रत्नों से !
बीते काल के सुनहरे सपने जो आँधियों की गोद में पला करते थे,
अतीत की कविता, अनमोल लफ्ज़, लेख के विषय मिला करते थे II
जीवन का अथाह सागर , हर पल, अतीत की लहरों से भरा है।
हर अनुभव, हर गलती- साथी के रूप में साथ ही तो धरा है।
अतीत की पाठशाला अजब शाला, पाठ सीखते हैं इम्तेहान के बाद !
भूलकर भी भूलने की भूल न हो , भविष्य अतीत के सम्मान से आबाद II