अतीत से सामना
न है तू जवां, न अब मैं जवां
आओ बैठें साथ थोड़ी देर प्रिये
हालत अब ऐसी है हमारी, हो जैसे
जले रातभर तेल के दिए प्रिये।।
माथे पर झुरियां अब है तेरे भी
बाल मेरे भी हो गए है श्वेत प्रिये
याद मुझको अब कुछ रहता नहीं,
दिखता ढलता यौवन तेरा भी प्रिये।।
बैठकर थोड़ी देर करते है याद
बिताए थे संग हमने जो पल प्रिये
मिलते थे तुम जब भी मुझको
लगता था मुझको ये जग ही स्वर्ग प्रिये।।
अब तो शाम हो गई जीवन की मेरे
कट रही है ज़िंदगी तेरे बिन ही प्रिये
मिले है जब आज, है नहीं कुछ हाथ में मेरे
खेला है वक्त ने ये कैसा खेल प्रिये।।
लग रहा थक गई जीवन से तू भी
और थक गया हूं अब मैं भी प्रिये
करके याद उन सुनहरी लम्हों को
आओ थोड़ी सी थकान मिटाएं प्रिये।।
दर्द जो तेरे दिल में है दर्द जो मेरे
दिल में है, आओ उनको हम बांटें प्रिये
है दुआ दे खुदा तुझे मेरे हिस्से के फूल
और मुझे मिले तेरे हिस्से के कांटे प्रिये।।
जो हो न सका इस जीवन में
अब होगा वो अगले जन्म में प्रिये
मिटेंगे सारे गम अब तभी, जब
होगी तुम मेरी और मैं तेरी बाहों में प्रिये।।