अतीत – “टाइम मशीन”
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
फ़ुरसत में हर शख्श एक बार
अपनी यादों की दराजों को
एक बार खोलता जरूर है
“मन की लाइब्रेरी” के
एकांत कोने में छुप
अपने ही बीते लमहे
बीती बातें – बीते लोग
अपने गुजरे – गुजरते उम्र के
हर अलग “शेल्फों” में
रखीं हुई किताबों से
समय की धूल हटा
सारे ” गुजरे चैप्टरों” के
पन्नों को टटोलता – जरूर है“
उन सारे पन्नों में
कहीं लड़कपन मुस्कुराता है
कहीं बाबूजी का प्यार
और गर डाँट शामिल है
तो वहीँ माँ का
लाड़ भी झांकता है
हर अलग चैप्टर के
एक एक पन्ने पर
गुजरे वख़्त की
हर एक कहानी दर्ज़ है …..
हर अलग चैप्टर के
एक एक पन्ने पर
गुजरे वख़्त की
हर एक कहानी दर्ज़ है
छुटपन की बात
कोमल मन में किसी पन्ने पर
पत्थर पर पड़ी
सिलवटों की तरह
जमीन के बँटवारे
की कहानी भी दर्ज़ है
वहीँ कई पन्नों पर
ताऊ के छल तो वहीँ
बाबूजी के सम्बल –
के बल की कहानी भी है
हर अलग “शेल्फों” के
रखीं हुई किताबों में
कुछ खट्टी – कुछ कड़वी
कहानी है तो
कई चैप्टर मलहम सी मुलायम भी हैं !!`